मेडिक्लेम में होते हैं कई तरह के वेटिंग पीरियड, इस अवधि में नहीं मिलता इलाज का खर्च, जानें इसे कम करने का तरीका
जब भी हम हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, तो कंपनी की कई शर्तें भी माननी होती हैं. इन्हीं में से एक है वेटिंग पीरियड. मेडिक्लेम में कई तरह के वेटिंग पीरियड होते हैं. जानिए इन्हें कम करने का क्या है तरीका.
मेडिक्लेम में होते हैं कई तरह के वेटिंग पीरियड, इस अवधि में नहीं मिलता इलाज का खर्च, जानें इसे कम करने का तरीका
मेडिक्लेम में होते हैं कई तरह के वेटिंग पीरियड, इस अवधि में नहीं मिलता इलाज का खर्च, जानें इसे कम करने का तरीका
आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस हम सभी की जरूरत बन चुका है क्योंकि कब, किसके सामने क्या परेशानी आ जाए, इसके बारे में कोई नहीं जानता है. सेहत से जुड़ी तमाम समस्याओं से निपटने में हेल्थ इंश्योरेंस काफी मददगार साबित होता है. लेकिन जब भी हम हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, तो कंपनी की कई शर्तें भी माननी होती हैं. इन्हीं में से एक है वेटिंग पीरियड. मेडिक्लेम में कई तरह के वेटिंग पीरियड होते हैं. वेटिंग पीरियड के दौरान इलाज के खर्च को कवर नहीं किया जाता है. यहां जानिए कितनी तरह का होता है वेटिंग पीरियड और इसे कम करने का क्या है तरीका.
स्टैंडर्ड कूलिंग-ऑफ
किसी भी इंश्योरेंस पॉलिसी का ये प्रारंभिक वेटिंग पीरियड होता है. आमतौर पर इसकी अवधि 30 दिनों की होती है. इस बीच अगर आप किसी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती होते हैं, तो उसके खर्च के लिए क्लेम नहीं कर पाएंगे. हालांकि दुर्घटना के कारण एडमिट होने पर क्लेम किया जा सकता है.
पहले से मौजूद बीमारियों का वेटिंग पीरियड
अगर आपको पहले से कोई बीमारी है तो इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय उसके बारे में बताना होता है. पहले से मौजूद बीमारी का भी एक वेटिंग पीरियड होता है. ये वेटिंग पीरियड दो साल से लेकर चार साल तक हो सकता है. यानी इस वेटिंग पीरियड के दौरान आपकी उस बीमारी को इंश्योरेंस में कवर नहीं किया जाता है.
विशेष रोग के लिए वेटिंग पीरियड
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हर्निया, मोतियाबिंद और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, कैंसर सर्जरी जैसी तमाम बड़ी समस्याओं के लिए भी इंश्योरेंस कंपनी की ओर से वेटिंग पीरियड लगाया जाता है. ये वेटिंग पीरियड दो से चार सालों का हो सकता है. पॉलिसी डॉक्यूमेंट में इनका स्पष्ट रूप से जिक्र किया जाता है.
मैटरनिटी के लिए वेटिंग पीरियड
हेल्थ इंश्योरेंस आपको मैटरनिटी (मातृत्व) का फायदा नहीं देती हैं, और जो मैटरनिटी लाभ हैं वे वेटिंग पीरियड के साथ आते हैं. वेटिंग पीरियड 9 महीने से लेकर 6 साल तक भी हो सकता है. इसके अलावा मानसिक बीमारियों के लिए भी एक वेटिंग पीरियड होता है. ये अवधि दो साल तक की हो सकती है.
कैसे कम हो सकता है वेटिंग पीरियड
किसी भी इंश्योरेंस प्लान को खरीदते समय ही आपको वेटिंग पीरियड पर गौर जरूर करना चाहिए. इसके लिए इंश्योरेंस प्लान लेने से पहले कई कंपनियों के प्लांस का पता करें क्योंकि हर कंपनी के अपने अलग-अलग वेटिंग पीरियड होते हैं. इसके बाद ही कम वेटिंग पीरियड वाला प्लान खरीदें. इसके अलावा अगर आपको लगता है कि किसी विशेष बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड अवधि बहुत लंबी है, तो आप अपनी जेब से थोड़ा अतिरिक्त भुगतान करके भी इसे कम करवा सकते हैं.
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02:19 PM IST